अंकोरवाट का निर्माण 12वीं सदी में हुआ था, सूर्यवंशी राजा सूर्यवर्मन द्वारा।

निर्माण काल

यह मंदिर कम्बोडिया के आंगकोर नगर में स्थित है, जो सुयाग्राम क्षेत्र का हिन्दू धरोहर है।

महत्त्वपूर्ण स्थान

महत्त्वपूर्ण स्थान

इसका मुख्य शिखर कुल 213 मीटर (699 फ़ीट) की ऊँचाई पर है, जिससे यह एक अजूबा के रूप में चमकता है।

अजूबा की उचाई

अजूबा की उचाई

अंकोरवाट में एक विशाल स्तूप है जिसमें ९२ सुर्य देव की मूर्तियाँ स्थित हैं।

मंदिर की भूपृष्ठभूमि पर हिन्दू पौराणिक कथाओं के आधार पर बनी है, जिसमें रामायण और महाभारत के किस्से दिखाए गए हैं।

भूपृष्ठभूमि

भूपृष्ठभूमि

यह विश्व धरोहर स्थलों में से एक है और 1992 में यूनेस्को द्वारा सूचीबद्ध किया गया है।

विश्व धरोहर

विश्व धरोहर

अंकोरवाट में कई सुंदर मूर्तियाँ हैं, जिनमें विभिन्न हिन्दू देवताओं की छवियाँ शामिल हैं, जैसे कि विष्णु, शिव, और ब्रह्मा।

मूर्तिकला

मूर्तिकला

अंकोरवाट के निर्माण में रहस्यमय सिंबोलिज्म है, जिसमें संसार के उत्पत्ति, स्थिति, और संसार के अंत का चित्रण किया गया है।

रहस्यमय सिंबोलिज्म

रहस्यमय सिंबोलिज्म

अंकोरवाट ने विश्वभर में अपनी पहचान बनाई है और कई फिल्मों, टीवी शोज, और लिटरेचर में उसका उल्लेख किया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय पहचान

अंतर्राष्ट्रीय पहचान